Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर लंबे समय से चली आ रही मांगों और कर्मचारियों के दबाव के बाद सरकार ने आखिरकार बड़ा फैसला लिया है। 1 अगस्त 2025 से OPS में पांच नए नियम लागू होने जा रहे हैं जो सीधे तौर पर कर्मचारियों और पेंशनधारकों के हित में माने जा रहे हैं। इन नियमों से उन लाखों कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो अब तक पेंशन के मुद्दे पर असमंजस में थे। सरकार का यह कदम राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा माना जा रहा है। OPS की बहाली के साथ-साथ इन नए नियमों के लागू होने से रिटायरमेंट की योजना बनाने वालों को काफी सुविधा मिलेगी।
पहला नियम: पेंशन कैलकुलेशन
1 अगस्त से OPS में पहला बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब अंतिम वेतन के आधार पर पूरी पेंशन की गणना की जाएगी। पहले जहां औसत वेतन के आधार पर पेंशन तय होती थी, अब यह सीधे रिटायरमेंट के समय मिलने वाले अंतिम वेतन के 50% के आधार पर तय होगी। इससे कर्मचारियों को अधिक पेंशन मिलने की संभावना बढ़ गई है। इससे पहले कई कर्मचारियों को शिकायत थी कि अंतिम वेतन के मुकाबले उनकी पेंशन कम मिल रही थी, लेकिन अब इस नई व्यवस्था से उन्हें पूरी पेंशन का लाभ मिलेगा। इस बदलाव से रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
दूसरा नियम: फैमिली पेंशन में बदलाव
दूसरा बड़ा बदलाव फैमिली पेंशन को लेकर किया गया है। अब अगर OPS धारक की मृत्यु सेवा काल या रिटायरमेंट के बाद हो जाती है, तो उनके आश्रितों को न्यूनतम ₹9,000 और अधिकतम ₹75,000 तक की फैमिली पेंशन दी जाएगी। पहले यह सीमा ₹4,500 से ₹45,000 के बीच थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है। इससे विधवाओं, आश्रित बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता को अधिक वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। यह कदम सामाजिक सुरक्षा को मज़बूती देने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है, जिससे कर्मचारी निश्चिंत होकर सेवा दे सकें।
तीसरा नियम: स्वैच्छिक रिटायरमेंट पर लाभ
अब OPS में स्वैच्छिक रिटायरमेंट (VRS) लेने वाले कर्मचारियों को भी पूरी पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। इससे पहले ऐसी स्थिति में कुछ कटौतियां होती थीं या पेंशन में देरी की जाती थी, लेकिन अब VRS लेने पर भी कर्मचारियों को 100% पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ मिलेंगे। यह नियम उन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत है जो स्वास्थ्य कारणों या पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते समय से पहले सेवानिवृत्त होना चाहते हैं। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में भरोसा और संतोष बढ़ेगा तथा रिटायरमेंट की योजना बनाना आसान हो जाएगा।
चौथा नियम: पेंशन का समय पर भुगतान
सरकार ने अब OPS के तहत पेंशन भुगतान को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अंतर्गत यह सुनिश्चित किया गया है कि सेवानिवृत्त होते ही अगले महीने की पहली तारीख से पेंशन का भुगतान शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए अब डिजिटल प्रोसेस को तेज किया गया है और PF, सर्विस बुक जैसे डॉक्युमेंट्स पहले ही अपडेट करवाने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों को दी गई है। इस कदम से रिटायरमेंट के बाद की अनिश्चितता खत्म होगी और कर्मचारी आर्थिक रूप से आश्वस्त रहेंगे। डिजिटल ट्रैकिंग से देरी की गुंजाइश भी नहीं रहेगी।
पाँचवाँ नियम: DA के साथ बढ़ेगी पेंशन
1 अगस्त से OPS में यह भी जोड़ा गया है कि अब डीए (महंगाई भत्ता) में होने वाली बढ़ोतरी का सीधा असर पेंशन पर भी पड़ेगा। यानी जब भी केंद्र सरकार डीए बढ़ाएगी, उसी अनुपात में OPS धारकों की पेंशन भी बढ़ेगी। यह प्रावधान पहले केवल कुछ राज्यों तक सीमित था लेकिन अब इसे केंद्रीय स्तर पर लागू किया जा रहा है। इससे पेंशनधारकों की महंगाई के समय पर क्रय शक्ति बनी रहेगी और उन्हें जीवन यापन में आसानी होगी। यह नियम पेंशन को समयानुकूल बनाए रखने में मददगार होगा।
कर्मचारियों में खुशी की लहर
इन नए नियमों की घोषणा के बाद कर्मचारियों और यूनियनों में खुशी की लहर दौड़ गई है। लंबे समय से OPS की बहाली और उसमें सुधार की मांग की जा रही थी। विभिन्न राज्य सरकारों ने भी अपने-अपने स्तर पर OPS को लागू किया है लेकिन केंद्र सरकार की ओर से आने वाला यह बड़ा कदम अब राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव ला रहा है। कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। माना जा रहा है कि इससे नौकरीपेशा लोगों का विश्वास सरकारी सेवाओं में और भी मजबूत होगा।
न्यू पेंशन स्कीम से तुलना
इन नए नियमों को अगर न्यू पेंशन स्कीम (NPS) से तुलना करें तो OPS कहीं ज्यादा लाभकारी नजर आती है, खासकर रिटायरमेंट के बाद की स्थिर आय के लिहाज से। NPS में जहां रिटायरमेंट के बाद पेंशन निश्चित नहीं होती और बाजार पर निर्भर रहती है, वहीं OPS में गारंटीड पेंशन दी जाती है। नए नियमों के लागू होने से OPS की यह गारंटी और मजबूत हो गई है। इसलिए बहुत से कर्मचारी अब OPS को ज्यादा भरोसेमंद मान रहे हैं और NPS से OPS में शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं। सरकार इस दिशा में भी विचार कर रही है।
भविष्य की संभावनाएं
OPS में आए इन बदलावों के बाद भविष्य में और सुधारों की संभावनाएं बढ़ गई हैं। सरकार यह भी विचार कर रही है कि OPS को और अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनाया जाए ताकि लाभार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। साथ ही जो राज्य अभी तक OPS को लागू नहीं कर पाए हैं, वहां भी इस मॉडल को अपनाने की संभावना बन रही है। यह बदलाव न केवल कर्मचारियों को राहत देगा बल्कि सरकारी संस्थानों में स्थायित्व और कार्यक्षमता भी बढ़ाएगा। इसलिए आने वाले समय में OPS को लेकर और भी अच्छी खबरें देखने को मिल सकती हैं।
अस्वीकृति
इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई जानकारी समाचार स्रोतों और संभावित सरकारी घोषणाओं के आधार पर तैयार की गई है। OPS से जुड़े नियमों में बदलाव राज्य सरकारों और केंद्र सरकार की नीतियों पर निर्भर करते हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी अंतिम निर्णय से पहले संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या गजट नोटिफिकेशन की पुष्टि अवश्य करें। यह लेख केवल सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है और इसे किसी भी प्रकार की कानूनी या वित्तीय सलाह के रूप में न लिया जाए। नियमों में समयानुसार बदलाव संभव है।